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Ranchi: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने राज्य अंतर्गत सरकारी विद्यालयों के लिए संचालित डिजिटल शिक्षा के तहत प्रारंभिक कक्षाओं हेतु Digi School एवं माध्यमिक तथा उच्चतर माध्यमिक कक्षाओं हेतु Learnytic 2.0 प्लेटफॉर्म का औपचारिक शुभारंभ किया.
इस दौरान मुख्यमंत्री स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार वितरण के तहत 09 श्रेणियों में चयनित 119 विद्यालयों में से सांकेतिक रूप से 9 विद्यालयों को मुख्यमंत्री ने पुरस्कृत किया. साथ ही मुख्यमंत्री ने विद्यालय प्रमाणीकरण के अंतर्गत कांस्य श्रेणी में चयनित राज्य के 569 विद्यालयों में से सांकेतिक रूप से 3 विद्यालयों को प्रमाण पत्र और मोमेंटो प्रदान कर सम्मानित किया.
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि झारखंड देश का पहला ऐसा राज्य होगा जहां उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए विदेशों में पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को सरकार आर्थिक सहयोग देगी. जल्द ही इस व्यवस्था के क्रियान्वयन पर सरकार निर्णय लेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार यहां के छात्र-छात्राओं के साथ सदैव खड़ी है. अध्ययनरत बच्चों के लिए आज राज्य सरकार की ओर से कई डिजिटल एप्प और प्लेटफॉर्म की शुरुआत हो रही है आशा है कि ये आधुनिक एप्प अध्ययनरत बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्ति हेतु सहायक होगी.
उक्त बातें मुख्यमंत्री ने आज झारखंड मंत्रालय में आयोजित मुख्यमंत्री स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार वितरण तथा मैट्रिक/इंटरमीडिएट के राज्यस्तरीय टॉपरों को नगद पुरस्कार प्रोत्साहन राशि वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं.
Digi School एवं Learnytic 2.0 प्लेटफॉर्म की शुरुआत समाधान की पहली सीढ़ी
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि कोरोना संक्रमण जैसी वैश्विक महामारी में ऐसे तो सभी सेक्टरों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है. परंतु, सबसे ज्यादा प्रभाव स्कूली शिक्षा और स्कूलों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को हुआ है. कोरोना संक्रमण के इस दौर में बच्चों की पढ़ाई बहुत बड़ी चुनौती बनकर उभरी है.
उन्होंने कहा कि सक्षम स्कूलों में पढ़ाई के कुछ रास्ते जरूर बनाए गए हैं. परंतु, राज्यस्तर में बहुत बड़े पैमाने पर अभी पढ़ाई के अन्य माध्यमों पर काम करने की आवश्यकता है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यहां पर Digi School एवं Learnytic 2.0 प्लेटफॉर्म की शुरुआत हो रही है. इन डिजिटल प्लेटफॉर्म के शुरुआत से अध्ययन के क्षेत्र में छात्र-छात्राओं को लाभ तो अवश्य मिलेगा. परंतु, यह पूर्ण समाधान नहीं बल्कि समाधान की पहली सीढ़ी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि संक्रमण के इस दौर में बच्चे पढ़ाई-लिखाई के नए व्यवस्थाओं पर हतोत्साहित नहीं हों बल्कि मानसिक रूप से तैयार होकर नई व्यवस्थाओं का उपयोग करें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में कैसे सकारात्मक बदलाव ला सकती है. इस पर गहन चिंतन और मनन कर रही है. उन्होंने कहा कि आगे भी चुनौतियां हैं पर हम सभी मिलकर मुकाबला करेंगे और चुनौती से पार भी पाएंगे.
झारखंड के अंदर अनेकों शक्तियां छिपी हैं
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि झारखंड एक ऐसा प्रदेश है जिसके अंदर अनेक प्रकार की शक्तियां छिपी हुई हैं. इस राज्य की धरती के नीचे की असीम शक्तियां हों या इस प्रदेश में वास करने वाले लोगों के हुनर और जोश की शक्तियां हो, ये सभी हमें गर्व महसूस कराते हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रदेश में ऐसे-ऐसे स्कूल अवस्थित हैं जो राज्य के गौरव हैं। मुख्यमंत्री ने नेतरहाट विद्यालय का उदाहरण देते हुए कहा कि यह एक ऐसा विद्यालय है जो देश में अब तक लगभग 2000 से अधिक आईएएस/आईपीएस दिए हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि नेतरहाट विद्यालय वर्तमान समय में भी यहां पर अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को आईएएस/आईपीएस सहित शिक्षाविद, लेखक, आर्टिस्ट बनने का अवसर निरंतर दे रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के दिन में भी नेतरहाट विद्यालय हमें देश और दुनिया में अलग पहचान दिला रही है.
हर वर्ष टॉपर छात्र-छात्राओं को किया जाएगा सम्मानित
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि जैक, सीबीएसई, आईसीएसई बोर्ड की मैट्रिक एवं इंटरमीडिएट परीक्षाओं में राज्य स्तर पर टॉप करने वाले मेधावी छात्र-छात्राओं सहित अध्यापक एवं स्कूल प्रबंधन समितियों को सम्मानित कर मुझे गौरव महसूस हो रहा है. यह एक सुखद अनुभव है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार का प्रयास है कि यहां के बच्चे जो भी लक्ष्य हासिल करना चाहते हैं बेहिचक उस लक्ष्य की ओर बढ़ें सरकार बच्चों साथ खड़ी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में हम इस राज्य को एक ऐसे जगह में ले जाना चाहते हैं, जहां अध्ययनरत छात्र-छात्राओं का भविष्य उज्जवल हो और उन्हें मंजिल मिल सके.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में गरीब बच्चे भी हैं जो मेधावी होने के बावजूद आगे की पढ़ाई नहीं कर पाते हैं ऐसे सभी बच्चे जो मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं में राज्यस्तर पर टॉपर होंगे, उन्हें सरकार हर वर्ष पुरस्कार के रुप में आर्थिक सहयोग राशि देगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण को लेकर इस साल प्रोत्साहन पुरस्कार राशि वितरण कार्यक्रम में देर अवश्य हुई है परंतु आने वाले समय में रिजल्ट के 1 महीने के भीतर प्रोत्साहित राशि का वितरण किया जाएगा.
कोरोना गाइडलाइन का पालन करने की अपील
मुख्यमंत्री ने सभागार में उपस्थित सभी लोगों से अपील किया कि संक्रमण के इस दौर में सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पूरा पालन करें. मास्क लगाना, समय-समय पर हाथ धोना, हाथ सैनिटाइज करना तथा सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल जरूर रखें. खुद सुरक्षित रहें और अपने परिजनों को भी सुरक्षित रखें. सुरक्षित रहना ही अभी हम सभी के लिए दवा और वैक्सीन है.
इस अवसर पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त केके खंडेलवाल, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव राहुल शर्मा, परियोजना निदेशक झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद शैलेश कुमार चौरसिया, निदेशक माध्यमिक शिक्षा जटाशंकर चौधरी सहित संबंधित विभाग के अन्य पदाधिकारी एवं विभिन्न स्कूलों के प्रधानाध्यापक/अध्यापक/ स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष एवं सम्मानित हुए छात्र-छात्राए उपस्थित थे.
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