Cardinal Telesphoe P. Toppo Burial rites Today: कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो का दफन संस्कार बुधवार को रांची के संत मारिया गिरजाघर में राजकीय सम्मान के साथ होगा. झारखंड सरकार के मंत्रिमंडल सचिवालय एवं समन्वय विभाग ने रांची डीसी को इस आशय का पत्र भेज दिया है.
इससे पहले मंगलवार को कार्डिनल का पार्थिव शरीर मांडर स्थित कॉन्स्टेंट लिवेंस हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर से रांची के संत मारिया गिरजाघर लाया गया. मांडर से सुबह 10:30 बजे उनकी अंतिम यात्रा शुरू हुई. करीब 35 किमी लंबी अंतिम यात्रा के दौरान सड़क पर मानव श्रृंखला बनाई गई.
आज सुबह छह से दोपहर 12 बजे तक कर सकेंगे अंतिम दर्शन
जगह- जगह लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. उनके पार्थिव शरीर को दोपहिया और चारपहिया वाहनों के काफिले के साथ लाया गया. मांडर से यह यात्रा शुरू हुई, जो कंदरीमोड़, बांबे, मखमंदरों, रिंग रोड, दलादली चौक, कटहल मोड़, अरगोड़ा और सुजाता चौक होते हुए दोपहर बाद तीन बजे संत मारिया गिरजाघर पहुंचा. 3:25 बजे से रात आठ बजे तक विश्वासियों ने उनके अंतिम दर्शन किए. बुधवार को सुबह छह से दोपहर 12 बजे तक उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे.
दोपहर एक बजे से लोयला मैदान में होगी प्रार्थना
कार्डिनल के दफन संस्कार की प्रार्थना बुधवार दोपहर एक बजे से लोयोला ग्राउंड में होगी. इसमें कार्डिनल के योगदान को याद किया जाएगा. मुख्य अनुष्ठानकर्ता आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो होंगे. यहां कार्डिनल के जीवन का संक्षिप्त विवरण दिया जाएगा. फिर संत मारिया गिरजाघर में उन्हें दफन किया जाएगा. इसमें पोप के दूत केविन जस्टिन सहित देशभर के कई आर्चबिशप शामिल होंगे.
पवित्र वेदी की बाईं ओर खोदी गई है कब्र
कार्डिनल के पार्थिव शरीर को दफनाने के लिए संत मारिया गिरजाघर में पवित्र वेदी की बाई ओर कब्र खोदी गई है. सबसे पहले 30 अप्रैल 1933 को आर्चबिशप लुई वान होएक के पार्थिव शरीर को यहां दफनाया गया था. फिर आर्चबिशप निकोलस कुजूर को 24 जुलाई 1960 को चर्च की मुख्य वेदी के पास जगह मिली. इससे 33 साल बाद 21 मई 1993 को आर्चबिशप पायस केरकेट्टा को वेदी के सामने दफन किया गया था.

कार्डिनल तेलेस्फोर पी. टोप्पो का योगदान
कार्डिनल तेलेस्फोर पी. टोप्पो भारत के एक प्रमुख रोमन कैथोलिक धर्मगुरु थे. वे 1991 से 2006 तक भारत के कोलकाता के आर्चबिशप और 2003 से 2006 तक भारत के प्रमुख बिशप थे. 2006 में, उन्हें पोप बेनेडिक्ट XVI द्वारा कार्डिनल बनाया गया था.
टोप्पो ने भारत के रोमन कैथोलिक चर्च के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उन्होंने आदिवासी समुदायों के बीच चर्च के काम को बढ़ावा दिया और गरीबों और वंचितों की मदद के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए. उन्होंने भारत में ईसाई-मुस्लिम संबंधों को बेहतर बनाने के लिए भी काम किया.
टोप्पो के महत्वपूर्ण योगदानों में निम्नलिखित शामिल हैं:
- आदिवासी समुदायों के बीच चर्च के काम को बढ़ावा देना: टोप्पो ने आदिवासी समुदायों के बीच चर्च के काम को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए. उन्होंने आदिवासी भाषाओं में बाइबिल का अनुवाद किया और आदिवासी समुदायों के लिए धार्मिक शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए.
- गरीबों और वंचितों की मदद के लिए कार्यक्रम शुरू करना: टोप्पो ने गरीबों और वंचितों की मदद के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए. उन्होंने भूख और गरीबी से लड़ने के लिए कार्यक्रम शुरू किए, और उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच बढ़ाने के लिए कार्यक्रम शुरू किए.
- भारत में ईसाई-मुस्लिम संबंधों को बेहतर बनाने के लिए काम करना: टोप्पो ने भारत में ईसाई-मुस्लिम संबंधों को बेहतर बनाने के लिए काम किया. उन्होंने दोनों समुदायों के बीच समझ और सहिष्णुता को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए.
टोप्पो को भारत में रोमन कैथोलिक चर्च के एक प्रमुख नेता के रूप में याद किया जाता है. उन्होंने भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया और वह एक प्रेरणादायक व्यक्ति थे. टोप्पो के योगदानों ने भारत के रोमन कैथोलिक चर्च और भारत के समाज दोनों को प्रभावित किया. वे एक प्रेरणादायक व्यक्ति थे जो दूसरों की मदद करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया.
