Ranchi: झारखंड सरकार ने ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दिया है. कैबिनेट ने मंगलवार को इस पर मुहर लगा दी. अब राज्य सरकार को कोरोना की तरह ही ब्लॉक फंगस के मरीजों का भी पूरा हिसाब रखना होगा. ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों को देखते हुए 14 राज्यों ने इसे पहले ही महामारी घोषित कर दिया है. ऐसा करने वाला झारखंड 15 वां राज्य है. राज्य में अब तक लगभग 83 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है. 54 संदिग्ध मरीज हैं और इससे 26 लोगों की जान जा चुकी है. यह बीमारी खासकर उन लोगों को अपनी चपेट में लेता है जो डायबिटीक हैं.
महामारी घोषित होने का मतलब
महामारी घोषित होने के बाद सरकार को ब्लैक फंगस के हर मामले मौतों और दवा का हिसाब रखना होगा. कोरोना की तरह ही अस्पतालों को मरीजों का डाटा सरकार को भेजना होगा. इसके अलावा केंद्र सरकार और आईसीएमआर की गाइडलाइन का भी पालन करना होगा.
रिम्स को बनाया नोडल सेंटर
राज्य में जिस अस्पताल में भी ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज होगा, उसे रिम्स के प्रोटोकॉल का पालन करना होगा. विशेष परिस्थिति में रिम्स में ही मरीज भर्ती किए जाएंगे. जो भी गाइडलाइन तय करेगा, उसका पालन मरीजों को करना होगा. कमेटी सरकार को सुझाव भी दे सकती है. ब्लैक फंगस के इलाज के लिए रिम्स को नोडल सेंटर बनाया गया है. ब्लैक फंगस मरीजों के बेहतर इलाज के लिए रिम्स को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया गया है.