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New Delhi: भारत कोरोना वैक्सीन को लेकर अपनी सभी तैयारियों में लगा हुआ है. केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा गया है कि वे किसी भी कोरोनावायरस वैक्सीन से संबंधित दुष्प्रभावों यानी साइड इफ्केट से निपटने के लिए व्यवस्था करना शुरू कर दें, ताकि जनता के बीच सुरक्षित वैक्सीन वितरण किया जा सके.
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केंद्र सरकार ने राज्यों को लिखा पत्र
केंद्र सरकार ने राज्यों को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्हें अगले साल योजनाबद्ध टीकाकरण कार्यक्रम के दौरान कोविड -19 वैक्सीन वितरण को लेकर निर्देश दिए गए हैं.
इस पत्र में कहा गया है कि वैक्सीन से संबंधित किसी भी दुष्प्रभाव से निपटने के लिए राज्य तैयार रहे.
हिंदुस्तान टाइम्स द्वारा देखे गए केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के 18 नवंबर के पत्र में कहा गया है, “टीकाकरण की सुरक्षा में विश्वास बनाए रखने के लिए कोविड -19 टीकाकरण की (AEFI) निगरानी के बाद प्रतिकूल घटनाओं को मजबूत करने के लिए कदम उठाए जाने की आवश्यकता है.
MoHF ने उन पहलों की पहचान की है जो भारत के मौजूदा AEFI निगरानी प्रणाली को और मजबूत बनाने के लिए आवश्यक हैं ताकि कोविड19 टीकाकरण के लिए समय पर पूर्ण AEFI रिपोर्टिंग संभव हो. ”
पत्र को मनोहर अगनानी, स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव द्वारा भेजा गया है.
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पीएम मोदी ने भी कही साइड इफेक्ट से निपटने की बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रमुखों के साथ बातचीत के दौरान भी कहा था, “हमें वैक्सीन से संबंधित दुष्प्रभावों से निपटने की संभावना पर भी ध्यान देना होगा. लोगों को पुरानी दवाओं से भी साइड इफेक्ट हो जाते हैं, वो दवाएं जो 20 सालों से इस्तेमाल हो रही हैं. इसलिए संभव है कि कोरोना वैक्सीन का दुष्प्रभाव भी दिखाई दे.”
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मेडिकल टीम तैयार रखने का निर्देश
केंद्र ने राज्यों को अपनी वैक्सीन स्टीयरिंग समितियों और अन्य उप-समितियों को स्पीयरहेड वैक्सीन वितरण को मजबूत करने का निर्देश दिया है.
बाल रोग विशेषज्ञों के साथ-साथ चिकित्सा विशेषज्ञ भी टीके देने वाली टीम का हिस्सा होंगे ताकि समय पर और बिना समय गंवाए साइड-इफेक्ट्स का प्रबंधन किया जा सके.
उच्च-जोखिम वाले समूहों में वैक्सीन प्रशासन की निगरानी के लिए, समितियों में विभिन्न विशेषज्ञों जैसे कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, पल्मोनोलॉजी आदि के डॉक्टर शामिल होने चाहिए.
कोविड -19 वैक्सीन वितरण को सफल बनाने के लिए ये सभी कदम उठाए जा रहे हैं. अन्य उपायों में पहले चरण में प्राथमिकता पर वैक्सीन दिए जाने वाले जनसंख्या समूहों की सूची तैयार करना, वैक्सीन भंडारण के लिए पर्याप्त कोल्ड चेन सुविधाएं स्थापित करना, सीरिंज जैसे उपभोग्य सामग्रियों की खरीद शामिल है.