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Mumbai: आपदा में अवसर कैसे बनाया जाता है, यह देश के सबसे अमीर रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी से सीखा जा सकता है. जब दूरी दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण का प्रकोप है. जब सभी ओर फुल लॉकडाउन था, उस दौरान मुकेश अंबानी ने हर घंटे 90 करोड़ रुपये कमाए. इस साल उनकी संपत्ति में 73 फीसदी का इजाफा हुआ है. मुकेश अंबानी से जुड़ी एक बात अक्सर लोगों के मुंह से सुनी जाती है. कहा जाता है कि एक आम आदमी जितनी देर में एक कप चाय खत्म करता है, मुकेश अंबानी की संपत्ति उतनी देर में लाखों रुपये बढ़ जाती है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, मुकेश अंबानी की निजी संपत्ति में 73 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. उनकी संपत्ति 6.58 लाख करोड़ रुपये हो गयी है. इसकी बदौलत वह लगातार नौंवे साल देश के सबसे अमीर व्यक्ति बने हुए हैं. मुकेश अंबानी की संपत्ति में हर मिनट करीब 23 लाख का इजाफा हो रहा है.
लॉकडाउन में हर घंटे 90 करोड़ रुपए कमाई
कोरोना वायरस महामारी के समय मुकेश अंबानी की संपत्ति 28 फीसदी कम होकर 3,50,000 करोड़ रह गई थी. इसके बाद फंड रेजिंग और फेसबुक, गूगल, सिल्वर लेक जैसी कंपनियों के जियो और रिलायंस रिटेल में निवेश के बाद केवल चार महीनों में वैल्यूएशन में 85 फीसदी का इजाफा हुआ. कोविड-19 लॉकडाउन के बावजूद रिलायंस का मार्केट कैप 10 लाख करोड़ पार हो गया और मुकेश अंबानी की संपत्ति में 73 फीसदी का इजाफा हुआ.
ये हैं भारत के सबसे अमीर लोगों के नाम
मुकेश अंबानी के बाद गुजरात स्थित अडाणी समूह के चेयरमैन गौतम अडाणी की संपत्ति में 48 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गयी है और यह 1.40 लाख करोड़ रुपये हो गयी है. देश के धनाढ्यों की मंगलवार को जारी हुरुन की सूची में वह दो स्थान की छलांग लगाकर देश के चौथे सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं.
हुरुन ने आईआईएफएल वेल्थ के साथ मिलकर यह सूची तैयार की है. इसके मुताबिक मुकेश अंबानी वैश्विक स्तर पर पांच सबसे अमीर लोगों में भी शामिल हैं. हुरुन की यह सूची ऐसे समय में आयी है जब कोरोना वायरस संकट ने दुनियाभर में लोगों की आजीविका पर कहर बरपाया है. भारत समेत वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसका असर पड़ा है. वहीं ग्राफ पर अर्थव्यवस्था में दिखते अंग्रेजी के ‘के’ अक्षर जैसे सुधार ने समाज में असमानता और बढ़ने को चिंता पैदा की है.
इस सूची में 828 ऐसे भारतीयों को शामिल किया गया है जिनकी निजी संपत्ति 31 अगस्त को 1,000 करोड़ रुपये से अधिक थी. कुल 828 धनाढ्य भारतीयों की सूची में मात्र पांच प्रतिशत या केवल 40 ही महिलाएं हैं. इनमें 32,400 करोड़ रुपये की नेटवर्थ के साथ गोदरेज समूह की 69 वर्षीय स्मिता कृष्णा शीर्ष पर हैं. वहीं बायोकॉन लिमिटेड की किरन मजूमदार शॉ 31,600 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ देश की दूसरी सबसे अमीर महिला हैं.
टाटा समूह में सबसे बड़े एकल साझेदार शापूरजी पालोनजी समूह के साइरस मिस्त्री और शापूर मिस्त्री की निजी संपत्ति में एक प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी है. दोनों को 76-76 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है. शापूरजी पालोनजी समूह टाटा संस में अपनी 18 प्रतिशत की हिस्सेदारी के लिए 1.78 लाख करोड़ रुपये की मांग कर रहा है. वहीं परिसंपत्ति विवाद में फंसे हिंदुजा बंधुओं की निजी संपत्ति में 23 प्रतिशत का नुकसान हुआ है. इसके बावजूद उनकी संपत्ति 1.43 लाख करोड़ रुपये है और वह सूची में दूसरे स्थान पर बने हुए हैं.
एचसीएल के शिव नादर और उनके परिवार कर निजी संपत्ति में 34 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है. वह 1.41 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ सूची में तीसरे स्थान पर है. विप्रो के अजीम प्रेमजी सूची में दो स्थान फिसलकर पांचवे स्थान पर आ गए हैं. उनकी संपत्ति का मूल्य 1.14 लाख करोड़ रुपये रह गया है. टीका बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साइरस पूनावाला की निजी संपत्ति छह प्रतिशत बढ़कर 94,300 करोड़ रुपये हो गयी. वह सूची में छठे स्थान पर हैं.
इसी तरह डी-मार्ट के राधाकृष्ण दमानी और परिवार की संपत्ति 56 प्रतिशत बढ़कर 87,200 करोड़ रुपये हो गयी. इसी के साथ वह शीर्ष 10 धनाढ्यों की सूची में शामिल हो गए और सातवें स्थान पर हैं. वहीं कोटक महिंद्रा बैंक के प्रवर्तक उदय कोटक की निजी संपत्ति में आठ प्रतिशत की गिरावट आयी है और 87,000 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ वह आठवें अमीर भारतीय हैं. हैप्पिएस्ट माइंड्स के 77 वर्षीय अशोक सूता शीर्ष अमीरों की सूची में शामिल होने वाले नए भारतीय हैं. हाल में उनकी कंपनी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को मिले दमदार समर्थन की बदौलत उनकी नेटवर्थ 3,700 करोड़ रुपये रही है. मुंबई अभी भी देश के सबसे ज्यादा अमीरों वाला शहर बना हुआ है. दूसरे स्थान पर दिल्ली है.