Mandu/Ramgarh: आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो (Sudesh Kumar Mahto) ने कहा है कि झारखंड की महिलाओं में अपार क्षमता है. राज्य की दिशा और दशा बदलने के लिए उन्हें आगे आना होगा. राज्य का नेतृत्व गलत हाथों में है. इसलिए महिला विकास, सुरक्षा और सशक्तिकरण की अनदेखी हो रही है.
आजसू प्रमुख (AJSU Chief) ने मांडू में आयोजित अखिल झारखंड महिला संघ के प्रतिनिधि सम्मेलन में ये बातें कही. इस सम्मेलन में कई अहम राजनीतिक प्रस्ताव पारित किए गए.
सम्मेलन में उन्होंने महिलाओं से कहा, “हम आपकी ताकत का एहसास दिलाना चाहते हैं. आप स्वतः नेतृत्वकर्ता हैं, जो अपनी मेहनत, खुशी परिवार के लिए साैंप देती हैं. एक परिवार से आगे बढ़कर संपूर्ण राज्य को खुशी और समान भागीदारी बनाने की जिम्मेदारी भी आप निभायें.”
उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में महिलाएं अपनी प्रतिभा के बल पर प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़कर देश का गौरव बढ़ाने के साथ राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभा रही हैं. सामाजिक एवं आर्थिक रूप से समृद्ध और सशक्त होकर महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन कर रही हैं.
महिलाओं में अपार क्षमता, झारखंड की दिशा और दशा बदलने के लिए आगे आएं
उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था का एक बड़ा आधार हमारी महिला शक्ति हैं. सेल्फ हेल्प ग्रुप्स के माध्यम से महिलाओं की इस भागीदारी को और ज्यादा विस्तार दिए जाने की जरूरत है. इसी कल्पना एवं सोच के साथ हमने संजीवनी कार्यक्रम की शुरुआत की थी और एक समय आया जब लाखों महिलाएं इस कार्यक्रम से जुड़ीं.
साथ ही पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं को पचास प्रतिशत आरक्षण देने की जो पहल मैंने की थी, उसका सकारात्मक असर भी साफ-साफ दिखने लगा.
लेकिन वर्तमान सरकार में महिला सशक्तिकरण एवं विकास की गति धीमी पड़ गई है. जमीनी स्तर पर मूल्यांकन करने पर यह साफ-साफ दिख रहा कि शासन- प्रशासन महिलाओं के विकास के प्रति उदासीन है. सत्तासीन को महिलाओं की भागीदारी एवं वास्तविक जरूरतों से कोई खास मतलब नहीं है. जबकि आदर्श समाज के निर्माण हेतु आधी आबादी को बराबर की भागीदारी सुनिश्चित करना ही होगा.
श्री महतो ने महिलाओं की हौसला अफजाई करते हुए कहा कि हम थोपे हुए नेतृत्वकर्ता पर विश्वास नहीं करते हैं. राज्य भर से जुटी इसी भीड़ से नेतृत्वकर्ता तैयार करना चाहते हैं. हम उदाहरण देने से अच्छा उदाहरण बनना पसंद करते हैं. आजसू पार्टी का हमेशा से यह प्रयास है कि समाज में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित हो और वे आत्मनिर्भर बनें. यही हमारी प्रतिबद्धता, हमारा संकल्प है. पार्टी में महिलाओं की निरंतर भागीदारी बढ़ी भी है. यह सकारात्मक संकेत है.
अखिल झारखंड महिला संघ के राज्यस्तरीय अधिवेशन में ये प्रस्ताव हुए पारित
- हर प्रखंड में महिला थाना की व्यवस्था सुनिश्चित हो.
- सभी प्रकार की नौकरियों (सरकारी एवं गैर सरकारी) में महिलाओं को पचास फीसदी का आरक्षण मिले.
- महिलाओं को संगठित, सशक्त एवं समृद्ध करने के लिए ठोस योजना बने तथा सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक बदलाव में महिलाएं बराबर की भागीदार बने.
- महिलाओं और बच्चों के लिए पूर्ण पोषण, शिक्षा एवं स्वास्थ्य की सुविधा उपलब्ध कराना.
- महिलाओं की शिक्षा, सुरक्षा एवं स्वालंबन की दिशा में चलाया जाए विशेष अभियान. स्वरोजगार के लिए कम ब्याज पर ऋण की सुलभ उपलब्धता.
- एसएचजी को प्रोत्साहन और उन्हें लघु उद्योगों की स्थापना के लिए प्रोत्साहन तथा उत्पादित वस्तुओं के लिए सुदृढ़ बाजार व्यवस्था उपलब्ध कराना.
- महिला झारखंड आंदोलनकारियों का चिन्हितीकरण एवं सम्मान.
- महिलाओं से जुड़े मामलों/घटनाओं/केस का फास्ट ट्रैक कोर्ट में हो सुनवाई हो तथा अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले.
- बाल विवाह, भ्रूण हत्या, डायन-बिसाही कुप्रथा रोकने हेतु जागरूकता अभियान.
- महिलाओं को लेकर सरकार ने जो वादें किए, उसे अविलंब पूर्ण करे.
सरकार के वादें
- प्रत्येक गांव में महिला बैंक की स्थापना
- गरीब परिवार की महिलाओं को ₹2000 प्रतिमाह चूल्हा खर्च
- पंचायत सेवक, एएनएम, शिक्षिका एवं होम गार्ड जैसे सभी रिक्तियों को तत्काल भरते हुए भारी संख्या में महिलाओं को स्थायी नौकरी
- सभी जाति एवं धर्म की लड़कियों को प्राथमिक से लेकर पीएचडी तक निःशुल्क शिक्षा
- हर अनुमंडल मुख्यालय में सभी सुविधाओं के साथ महिला महाविद्यालय की स्थापना
अखिल झारखंड महिला संघ के राज्यस्तरीय अधिवेशन में पूर्व मंत्री एंव गिरिडीह सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी, पूर्व मंत्री रामचंद्र सहिस एवं उमाकांत रजक, गोमिया विधायक लम्बोदार महतो, रोशनलाल चौधरी, डॉ देवशरण भगत, तिवारी महतो, हरेलाल महतो, यशोदा देवी, नीरू शांति भगत, पार्वती देवी, वर्षा गाडी, यशोदा देवी, अंजू देवी, निर्मला भगत, बबीता देवी, बीना चौधरी, संगीता बारला, पार्वती देवी, अनिता साहू, सुनिता चौधरी इत्यादि मुख्य रूप से उपस्थित थे.