एक के बाद एक कई एस्टरॉयड (Asteroid) पृथ्वी के करीब आ रहे हैं. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने करीब 88 फुट की एक चट्टानी आफत के बारे में चेताया है.
बताया है कि ‘एस्टरॉयड 2023 HH7′ आज यानी 4 मई को हमारी पृथ्वी के सबसे करीब पहुंचेगा. यह 8 लाख 39 हजार किलोमीटर की दूरी से पृथ्वी से होकर गुजरेगा, जिस वजह से इसे ‘संभावित रूप से खतरनाक’ की कैटिगरी में रखा गया है. वैज्ञानिकों की नजर इस एस्टरॉयड पर तबतक रहेगी, जबतक यह पृथ्वी से बहुत दूर नहीं चला जाता है.
एस्टरॉयड्स की दिशा में अचानक और कभी भी बदलाव हो सकता है. ऐसा होने पर और दिशा पृथ्वी की ओर होने पर एस्टरॉयड तबाही मचा सकता है. वैज्ञानिक मानते आए हैं कि करोड़ों साल पहले हमारी धरती से डायनासोरों का खात्मा एक एस्टरॉयड की टक्कर के बाद मचे विनाश से हुआ था.
नासा के अनुसार, ‘एस्टरॉयड 2023 HH7′ करीब 88 हजार 396 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज स्पीड से हमारे ग्रह की ओर आ रहा है. यह एस्टरॉयड्स के अपोलो ग्रुप से संबंधित है. इसका आकार एक हवाई जहाज के जितना है. हालांकि इसके पृथ्वी से टकराने की कोई संभावना नहीं है.
जानकारी के अनुसार, ज्यादातर एस्टरॉयड का आकार अनियमित होता है. कुछ गोलाकार होते हैं, तो कई अंडाकार दिखाई देते हैं. कई एस्टरॉयड्स का अपना चंद्रमा है, जबकि कई के दो चंद्रमा हैं. वैज्ञानिकों ने डबल और ट्रिपल एस्टरॉयड सिस्टम की खोज भी की है. इन सभी मामलों में एस्टरॉयड दूसरे एस्टरॉयड का चक्कर लगाता है.
एस्टरॉयड जब पृथ्वी के करीब आते हैं, तो वैज्ञानिक इनके और पृथ्वी के बीच की दूरी को देखते हैं. इसके लिए सैटेलाइट और रडार की मदद ली जाती है.
ज्यादातर एस्टरॉयड मंगल और बृहस्पति ग्रह के बीच मेन एस्टरॉयड बेल्ड में परिक्रमा करते हैं, लेकिन कई एस्टरॉयड की कक्षाएं ऐसी होती हैं, जो पृथ्वी के पास से गुजरती हैं. पृथ्वी के कक्षीय पथ को पार करने वाले एस्टरॉयड को अर्थ-क्रॉसर्स के रूप में जाना जाता है.