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ज्‍योतिष से ज्‍यादा भरोसेमंद बना एआई, ग्रह-नक्षत्रों के सटिक गणना से देता है हर सवाल का जवाब

ज्‍योतिष से ज्‍यादा भरोसेमंद बना एआई, ग्रह-नक्षत्रों के सटिक गणना से देता है हर सवाल का जवाब

अमेरिका में पढ़ने वाले जर्मनी के छात्र टिम विडमैन बीते हफ्ते न्यूयॉर्क के चर्चित आइकॉनिक बुक स्टोर घूमने गए थे. वहां एक मशीन के पास बड़ी संख्या में युवा कतार में खड़े थे. मशीन की ऊंचाई एक वॉशर ड्रायर जितनी होगी. फ्रंट वाले सफेद हिस्से पर कुछ बटन और चमकती हुई लाइट की कई लेयर्स, खगोलीय पिंड के अलावा सूर्य, चंद्रमा समेत आठ ग्रहों के लेबल वाले ऑइकन बने हुए थे.

27 साल के टिम को लगा ये नासा से जुड़ी कोई चीज है. मशीन ने टिम को ‘सितारों’ से सवाल पूछने के लिए कहा. नॉब दबाने पर सैकड़ों सवालों की फेहरिस्त खुल गई. इनमें करियर, जॉब, शहर बदलने जैसे विषयों पर सवाल थे. तब टिम को समझ आया कि यह भविष्य बताने वाली मशीन है.

एक सवाल चुनने के बाद टिम ने जन्मतिथि, समय और स्थान दर्ज किया. स्क्रीन पर संदेश फ्लैश हुआ. जिसमें लिखा था कि सभी जवाब ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित हैं. मशीन ने इन बिल्ट कैमरा से टिम की तस्वीर ली.

कुछ पल बाद मशीन से एक स्लिप निकली. जिसमें टिम का डॉटेड फोटो और उसके सवाल का जवाब था. टिम ने भविष्य में आने वाली समस्याओं बारे में पूछा था. टिम समेत वहां मौजूद लोगों में से किसी को पता नहीं था कि जवाब तैयार करने में चैट जीपीटी (एआई) की मदद ली गई थी.

यह मशीन टेक कंपनी को-स्टार और बजी एप ने मिलकर बनाई है. जिस तरह सदियों से ज्योतिषी गणना और राशिफल की जानकारी देने के लिए ग्रह-नक्षत्रों की गति और स्थिति का उल्लेख करते रहे हैं. को-स्टार भी यही तरीका अपनाता है. पर इसकी गणना रोजाना एआई द्वारा तैयार करवाई जाती है. जो ज्योतिषियों की टीम द्वारा लिखे गए डेटाबेस की मदद लेता है.

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को-स्टार की फाउंडर बानू गुलेर बताती हैं, ‘मशीन में सोवियत युग के कंप्यूटर, नासा द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण और फोटो बूथ लगाए गए हैं. फिलहाल इसकी सेवाऐं मुफ्त हैं. मशीन से ओपन एंडेड सवाल पूछ सकते हैं. जानकारी भी स्लिप फॉर्मेट में मिलती है. इसे घर के फ्रिज, कंप्यूटर कहीं पर भी लगाकर रख सकते हैं. यानी हमेशा साथ रखने की सहूलियत भी है.’

ज्योतिष को न मानने वाले भी एआई के कारण इस पर भरोसा कर रहे

कंपनी की को-फाउंडर गुलेर कहती हैं, ‘एआई को ज्योतिष से जोड़ना कठिन था. पर मेरा कोडिंग का अनुभव काम आया. यह चमत्कारिक है. न्यूयॉर्क में 26 साल की एना जॉन्स्का ‘कहती हैं, वे ज्योतिष में ज्यादा भरोसा नहीं करती थीं. पर जब पता चला कि इसमें एआई की मदद ली गई है तो भरोसा बढ़ गया.

इधर वैदिक ज्योतिष में विशेषज्ञ यूपी के विजेंदर शर्मा कहते हैं, ‘गणना के लिए उन्होंने भी सॉफ्टवेयर इस्तेमाल किया है. इसकी गणना सटीक है. अगर एआई को प्रॉपर नॉलेज से ट्रेंड किया जाता है तो उसे इस्तेमाल करने में कोई दिक्कत नहीं है.’

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