रांची, झारखण्ड – झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने भाजपा को चेतावनी देते हुए कहा कि राजनीतिक लड़ाई स्वीकार है, लेकिन व्यक्तिगत शत्रुता से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि हेमन्त सरकार के कोरोना संकट में लोगों की रक्षा के लिए कड़ी मेहनत की, लेकिन विकास और योजनाओं को बढ़ावा देने पर भी उन्हें नकारात्मकता से निभृत कर दिया गया।
विरोधी दल के खिलाफ उनकी चेतावनी में सुप्रियो ने कहा, “भाजपा को चाहिए कि वे पॉलिटिकल टारगेट किंलिंग से बचें, जो उन्होंने लगातार जारी रखी है।” उन्होंने और बताया कि भाजपा नेताओं ने निर्वाचित सदस्यों पर दबाव डालने के लिए जनहित में असमंजस की स्थिति उत्पन्न करने के लिए साजिश रची है।
भाजपा का राजनीतिक खेल
सुप्रियो ने बताया कि भाजपा ने कर्नाटक से शुरू किया और मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र के बाद राजस्थान में भी अपना खेल खेला, लेकिन वहां भी सफलता हासिल नहीं की। इसके बाद, झारखण्ड में उन्होंने निर्वाचित सदस्यों को दबाने का प्रयास किया, जिसका सीधा असर राज्यभर में असमंजस पैदा करना रहा है।
सरकारी योजनाओं पर सवाल
सुप्रियो ने सरकार को समर्थन में डालने के लिए भाजपा नेताओं की प्रयासों की आलोचना करते हुए कहा, “भाजपा सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से घबरा गई है।” उन्होंने जताया कि विपक्ष को सरकार के कदमों पर खड़ा करने में विफलता हो रही है, क्योंकि लोगों को सरकार के कार्यों से संतुष्टि नहीं हो रही है।
चुनाव आयोग पर उनका सवाल
उन्होंने चुनाव आयोग पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में हुए चुनाव के बाद आयोग को करीब 20000 शिकायतें मिली हैं, जिसपर सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित है। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग को भाजपा का सांसद निर्देशित कर रहा है, जो एक चिंगारीबज साबित हो सकता है।
आपसी हित बनाए रखने की आग्रह
सुप्रियो ने आपसी सहमति बनाए रखने की आग्रह करते हुए कहा, “भाजपा को राजनीतिक तौर पर झामुमों को परास्त नहीं करना चाहिए।” उनका कहना है कि भ्रम फैलाना और लोगों को हतोत्साहित करना सिर्फ सरकार को गिराने की कोशिश का हिस्सा है, जो उन्हें होने नहीं देंगे।