News Highlights
Ranchi: जेपीएससी की सातवीं सिविल सेवा पीटी पर विवाद थम नहीं रहा है. अब ओएमआर शीट पर इनविजीलेटर के हस्ताक्षर न होने और बुकलेट के सीरियल में घालमेल का मामला सामने आया है. नियम है कि सभी ओएमआर शीट पर निरीक्षक का हस्ताक्षर जरूरी है. यही नहीं जिस अभ्यर्थी को फर्स्ट पेपर में जिस सीरीज की बुकलेट मिले सेकंड पेपर में भी उसी सीरीज की बुकलेट मिलनी चाहिए. लेकिन ऐसा हुआ नहीं निरीक्षक ने ओएमआर सीट पर हस्ताक्षर ही नहीं किया. इसी तरह कई अभ्यर्थियों को फर्स्ट पेपर में भी सीरीज का बुकलेट दिया गया तो सेकंड पेपर में डी सीरीज का. एक अभ्यर्थी रामसुंदर ने सूचना का अधिकार के तहत यह जानकारी मांगी है कि निरीक्षक ने ओएमआर सीट पर हस्ताक्षर क्यों नहीं किया. लेकिन जीत इसी ने इसका जवाब नहीं दिया.
निरीक्षक ने दो सीरीज की बुकलेट परीक्षा देनी को विवश किया
अभ्यर्थियों ने बताया कि लातेहार जिले की एक परीक्षा केंद्र (सेंटर कोड 25,018) पर फस्ट और सेकंड पेपर में बुकलेट अलग-अलग तरीके से दिए गए.
अनुरंजन तिर्की नाम के अभ्यर्थी ने बताया कि उन्होंने निरीक्षक को तत्काल इसकी जानकारी दी और बुकलेट बदलने का आग्रह किया. लेकिन निरीक्षक में बुकलेट बदलने की जगह उसी पर परीक्षा देने को विवश कर दिया.
आजसू ने कहा- जेपीएससी को पीटी में हुई गड़बड़ियों का जवाब देना होगा
आजसू पार्टी के केंद्रीय मुख्य प्रवक्ता देवशरण भगत ने कहा पीटी के रिजल्ट पर कई सवाल उठ रहे हैं, जिसका जवाब जेपीएससी को देना होगा. ओएमआर शीट गुम होने की बात हो या कटऑफ में से कम अंक में पास होने का, जेपीएससी इन सवालों से पीछे नहीं छोड़ा सकता. रिजल्ट का उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए.
हाई कोर्ट का मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने से इनकार
सातवीं जेपीएससी मुख्य परीक्षा से जुड़ी हस्तक्षेप याचिका मंगलवार को हाईकोर्ट ने खारिज कर दी. मॉडल आंसर में गलत जवाब होने का दावा करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस राजेश शंकर की कोर्ट में मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने से इंकार कर दिया. यह याचिका शेखर सुमन ने दायर की थी. जिसमें कहा गया था कि जेपीसी ने गलत मॉडल आंसर की आधार पर पीटी का रिजल्ट घोषित किया है. इससे पहले जेपीएससी ने आपत्ति मांगी थी. इस पर अभ्यर्थियों ने कई प्रश्नों का उत्तर गलत होने का दावा किया था इसलिए रिजल्ट रद्द होनी चाहिए.